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शनिवार, 13 सितंबर 2025

कीर्तन ,माता रानी का


नवरात्रि के नव रूपों में,

 भव्य तेरा श्रृंगार 

अपने भक्तजनों पर माता,

सदा लुटाती प्यार 

तेरी महिमा सब ने जानी 

मेरी माता रानी 

मुझ पर कर दे मेहरबानी

 मेरी माता रानी


  जपूं में नाम तेरा दिन रात 

  चाहिए तेरा आशीर्वाद 

  मुझे दे चरण चढ़ा परसाद 

   हमेशा  सर पर रखना हाथ

 मेरे मन में बसी हुई है

 तेरी छवि सुहानी

 मुझ पर कर दे मेहरबानी

 मेरी माता रानी 


तुझको चुनर मै चढ़ाऊ

 तुझको टीका मैं लगाऊं 

तुझे माला मैं पहनाऊं 

तुझपर परसाद चढ़ाऊ 

तेरी आरती उतारू 

अपना सब कुछ तुझ पर वारूँ 

तेरी महिमा जानी मानी

 मेरी माता रानी 

कर दे मुझ पर मेहरबानी 

मेरी माता रानी 


तेरी भक्ति की शक्ति का 

कैसे करूं बखान 

जी करता है माता गाउं 

सदा तेरा  गुणगान 

तेरी शक्ति है निराली 

तू है दुर्गा तू है काली 

देवी तू है खप्पर वाली 

तू ही वैष्णो देवी प्यारी  

भक्त निकलते हैं घर घर से 

तेरे दर्शन को हैं तरसते 

तेरी कृपा दृष्टि है पानी 

मेरी माता रानी 

कर दे सब पे मेहरबानी 

मेरी माता रानी


माता तू सुख शांति दात्री 

तुझको पूजूं मै नवरात्रि 

अपने घर में, कलश धरूं मैं 

पूरे नौ दिन, वरत करूं मैं

श्रद्धा और आस्था भर के 

नौ कन्या का पूजन कर के 

गाउं आरती सुहानी 

मेरी माता रानी 

कर दे सब पर मेहरबानी 

मेरी माता रानी 


मदन मोहन बाहेती घोटू

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