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बुधवार, 26 मार्च 2025

किस्मत 

नहीं कुछ हाथ लगना है तो गम खाने से क्या होगा 
जहां ना दाल गलनी है, वहां जाने से क्या होगा

यही वह सोच है जो रोकती है हमको पाने से,

चुग गई खेत जब चिड़िया,तो पछताने से क्या होगा 
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सकेगा रोक ना कोई, लिखा होगा जो किस्मत में

 परेशान व्यर्थ होते हो, यूं ही कोई की चाहत में

अगर जो ना मिला कोई, तुम्हें जीते जी दुनिया में,

यकीन मानो हजारों हूरें, मिल जाएगी जन्नत में

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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