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बुधवार, 26 मार्च 2025

गुलाब की पंखुड़ी 

सुंदर गुलाब की तू पंखुड़ी 

तेरा स्पर्श मुलायम है तुझसे खुशबू उमड़ी उमड़ी 

मखमली गुलाबी रंगत है,तू है गोरी के अधर चढ़ी 
तू ताजी ताजी नरम नरम चिकनी चिकनी निखरी निखरी 
वरमाला सी तू गले लगी और मिलन सेज पर तू बिखरी 
काम आई ईश वंदना में ,तू भाग्यवान प्रभु चरण चढ़ी 
तू मुझे देखकर मुस्कुराई ,अपनी तो किस्मत निकल पड़ी 
सुंदर गुलाब की तू पंखुड़ी 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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