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बुधवार, 19 जून 2024

कन्हैया बचपन में 


तू तो बड़ा ही था शैतान,

 कन्हैया बचपन में 

करे सबको था परेशान, 

बिरज की गलियन में 


कभी किसी की हंडिया तोड़ी ,

कभी किसी की छींका तोड़ा 

माखन खाया मुंह लिपटा कर 

गोप सखा में बांटा थोड़ा 

करती थी जब गोपी शिकायत 

छुप जाता था आंगन में

 तू तो बड़ा ही था शैतान 

कन्हैया बचपन में 


बाल सखा संग धेनु चराता 

बैठ कदंब पर मुरली बजाता 

जमुना में जब नहाती गोपिया 

उन सबके तू वस्त्र चुराता 

करता था सबको परेशान 

कन्हैया बचपन में 

तू तो बड़ा ही था शैतान

 कन्हैया बचपन में 


भोली राधा बरसाने की 

हुई दीवानी मुरली धुन की 

ऐसी जोड़ी बनी तुम्हारी 

आज पूजती दुनिया सारी 

तेरी लीला बड़ी महान,

कन्हैया बचपन में 

तू तो बड़ा ही था शैतान 

कन्हैया बचपन में


मदन मोहन बाहेती घोटू

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