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सोमवार, 31 मार्च 2014

राज़ की बात

         राज़ की बात

मैं अपनी बीबी की जब खामियां उनको बताता हूँ,
              वो कहती है पसंद कर ,आप ही तो मुझको लाये थे
देखने आये थे जब मुझको अपने मम्मी पापा संग ,
               देख कर हमको कितने खुश हुए थे,मुस्कराये थे
कहा हमने कि बेगम , राज़ की एक बात  बतलायें ,
                तुम्हारी मम्मी के जलवे ,पसंद पापा को आये  थे
और ये सोच करके कि मज़ा समधन का लूटेंगे ,
                 उन्होंने 'हाँ' करी और ,हम तेरे    चंगुल  में आये थे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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