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मेरा काव्य-पिटारा
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रविवार, 4 मई 2025
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पत्नी जी के जन्मदिन पर जन्मदिन आया तुम्हारा प्यार तुमको ढेर सारा डूबते मेरे हृदय को, दिया तुमने आ सहारा आई तुम तकदीर बनकर मरुस्थल में...
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पाबंदी मिष्ठान और मीठे फल , खाने को यदि वर्जित है कभी-कभी चखने पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए सुंदर जवान लड़कियों से, छेड़छाड़ ठीक नहीं मग...
शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025
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मैंने तुझको देख लिया है मैंने पंखुड़ी में गुलाब की , हंसती बिजली ना देखी थी बारह मास रहे जो छाई,ऐसी बदली ना देखी थी ना देखे थे क्षीर सरोवर...
1 टिप्पणी:
बुधवार, 16 अप्रैल 2025
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मुक्तक 1 अचानक एक दिन यूं ही तमाशा कर दिया मैंने खुलासा करने वालों का खुलासा कर दिया मैंने वो तड़फे, तिलमिलाए पर,नहीं कुछ कर सके मेरा , ...
सोमवार, 14 अप्रैल 2025
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बदलाव मैंने देखा साथ वक्त के कैसे लोग बदल जाते हैं बीज वृक्ष बन जाता उसमें, फूल और फिर फल आते हैं दूध फटा बन जाता छेना जमता दूध ,दही क...
4 टिप्पणियां:
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