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मेरा काव्य-पिटारा
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बुधवार, 26 मार्च 2025
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किस्मत नहीं कुछ हाथ लगना है तो गम खाने से क्या होगा जहां ना दाल गलनी है, वहां जाने से क्या होगा यही वह सोच है जो रोकती है हमको पाने से, चु...
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असर जीतता ट्रंफ यू एस ए,मेरे शेयर लुढ़क जाते रूस यूक्रेन लड़ते तो भाव सोने की बढ़ जाते मेरे खाने में मिर्ची और नमक अनुपात बढ़ जाता, हमारा...
मंगलवार, 25 मार्च 2025
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कभी साबुन की बट्टी था, भरा खुशबू से जीवट मैं घिसा तुमको सजाने में ,रह गया एक चीपट मै काम आऊंगा मैं अंत तक, रखोगे चिपका जो मुझको, अकेला छोड...
सोमवार, 24 मार्च 2025
मुक्तक 1 नहीं कुछ हाथ लगना है, तो गम खाने से क्या होगा जहां ना दाल गलनी है ,वहां जाने से क्या होगा यही वह सोच है जो रोकती है, हमको पाने से, चुग गई खेत जब चिड़िया, तो पछताने से क्या होगा 2 सकेगा रोक ना कोई ,लिखा होगा जो किस्मत में परेशान व्यर्थ होते हो, किसी की यूं ही चाहत में अगर जो ना मिला कोई, तुम्हें जीते जी दुनिया में तुम्हारी चाह,बन कर हूर, मिल जाएगी जन्नत में 3 जवानी जब ढलेगी तो , बुढ़�
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रविवार, 23 मार्च 2025
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हमेशा मुस्कराएं हम 1 न कोई मेरा दुश्मन है, नहीं कोई विरोधी है फसल ऐसी मोहब्बत की,सभी के दिल में बो दी है कोई ने फेंका पत्थर तो, मैंने उत्त...
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