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मेरा काव्य-पिटारा
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बुधवार, 7 अगस्त 2024
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मुझको दिया बिगाड़ आपने मुझको दिया बिगाड़ आपने मुझ पर इतनी प्रीत लुटाकर सचमुच किया निहाल आपने मै पहले से कुछ बिगड़ा था,थोडा दिया बिगाड़ आपने पह...
गुरुवार, 1 अगस्त 2024
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आलस का मजा आपने सोने का मजा तो लिया होगा आपने बिछोने का मजा भी लिया होगा लेकिन कितनी ही बार ऐसा भी होता है आदमी सुबह तलक गहरी नींद सोता ह...
बुधवार, 31 जुलाई 2024
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मैं तुमसे क्या मांगा था मैंने तुमको देखा, तुमसे क्या मांगा था केवल तुमसे बस इतना सा ही तो मांगा था अपनी प्यारी चंचल हिरणी सी आंखों से प्या...
मंगलवार, 30 जुलाई 2024
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ये मिट्टी ये मिट्टी ये मिट्टी ये मिट्टी ये मिट्टी नहीं है हमारी ये मां है मिट्टी से अपना बदन ये बना है जीवन के पल-पल में छाई है मिट्टी ह...
शनिवार, 20 जुलाई 2024
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छुपे रुस्तम हम जमीन से जुड़े हुए हैं पर पापुलर हैं जन-जन में चाहे अमीर ,चाहे गरीब हम मौजूद सबके भोजन में मैं तो हूं छुपी हुई रुस्तम मत...
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