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मेरा काव्य-पिटारा
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रविवार, 30 जून 2024
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संबोधन बेटे को *बिटुवा* कहते तो अच्छा लगता है बेटी को *बिटिया* कहने से प्यार उमड़ता है यह मेरे *वो *है कहकर पत्नी शर्माती है लेकिन पति की...
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बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड जब बन जाता पति गर्लफ्रेंड बन जाती श्रीमती फंस कर चक्कर में गृहस्थी के सब रोमांस फुर्र हो जाता इश्क मोहब्...
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नींव के पत्थर एक विशाल इमारत बनकर गौरव से तुम उठा रहे सर टिके हुए तुम जिसके ऊपर हम हैं उसी नींव के पत्थर हम घुट घुट कर सांस ले रहें ना...
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बुढापा कैसे काटें बुढ़ापा सबको ही आता, किसी का जोर ना चलता उम्र का यह दौर ऐसा सभी के मन को है खलता बुढ़ापे की जटिलता में किस तरह लाएं सरल...
सोमवार, 24 जून 2024
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कैसी मिलेगी जो चटपट पटाओगे तो चटपटी मिलेगी जो खटाखट चाहोगे तो खटपटी मिलेगी जरा हटके ढूंढना चाहोगे तो हठी मिलेगी छांटने के चक्कर में रहोगे...
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