पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
काव्य संसार (फेसबुक समूह)
काव्य संसार (फेसबुक पृष्ठ)
हिंदी
मेरा फेसबुक पृष्ठ
ब्लॉग"दीप"
चर्चा मंच
नयी पुरानी हलचल
मेरा काव्य-पिटारा
▼
बुधवार, 29 मार्च 2023
›
रह रह कर आता याद मुझे, वह बीता वक्त जवानी का, कितना प्यारा और मजेदार, वह यौवन वाला दौर ही था मैं बाइक पर राइड करता , तुम कमर पक...
›
इस बढी उम्र में वृद्ध लोग इस तरह गुजारा करते हैं मित्रों के संग बैठ मंडली में, वो गपशप मारा करते हैं कुछ जैसे तैसे भी कटता ,वैसे ही वक्त क...
›
बचपन और बुढ़ापे की यह बात निराली होती है उगते और ढलते सूरज की एक सी लाली होती है होता है स्वभाव एक जैसा, वृद्धों का और बालक का क्योंकि ...
›
जीवन का कुछ ऊबा ऊबा तो मन ने बांधा मनसूबा जीने की राह नजर आई, तन्मय तन, भक्ति में डूबा कुछ प्राणायाम और योग किया तन ने पूरा सहयोग दिय...
शुक्रवार, 17 मार्च 2023
›
प्रकृति से बातचीत आज सवेरे ,प्रातः प्रातः मैंने प्रकृति से करी बात कोयल को कूकी, मैं भी कुहका चिड़िया चहकी , मैं भी चहका कलियां चटकी और ...
1 टिप्पणी:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें