पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
काव्य संसार (फेसबुक समूह)
काव्य संसार (फेसबुक पृष्ठ)
हिंदी
मेरा फेसबुक पृष्ठ
ब्लॉग"दीप"
चर्चा मंच
नयी पुरानी हलचल
मेरा काव्य-पिटारा
▼
सोमवार, 23 जनवरी 2023
›
कुछ चेहरे मेरे जीवन में कुछ चेहरे यादों में आ आकर ठहरे पहला चेहरा पिताश्री का अनुशासन है जिन से सीखा मिलनसार कर्मठ और हंसमुख धर्मनिष्ट...
1 टिप्पणी:
›
सर्दी की सीख जाते-जाते सीख दे गया , मौसम सर्दी भरा भयंकर कोई कुछ न बिगाड़ सकेगा , अगर रखोगे खुद को ढक कर चाहे हवा हो चुभने वाली , या फिर ठ...
सोमवार, 9 जनवरी 2023
दिल्ली की सरदी
›
यह दिल्ली की सर्दी है जुल्मी और बेदर्दी है चुभती सर्द हवाओं ने , हालत पतली कर दी है तड़फाती है शीतलहर कोहरा भी ढा रहा कहर हाथ न सूझे हा...
1 टिप्पणी:
रविवार, 8 जनवरी 2023
›
यह जीवन है कितना विचित्र है शत्रु कभी तो कभी मित्र लगता फूलों की सेज कभी, सुंदर प्यारा और महक भरा तो लगता कभी कि जैसे हो सर पर कांटों...
›
आती है मां याद तुम्हारी स्नेह उमड़ता था आंखों से, तुम ममता की मूरत प्यारी आती है मां ,याद तुम्हारी हमने पकड़ तुम्हारी उंगली , धीरे ध...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें