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मेरा काव्य-पिटारा
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सोमवार, 13 जून 2022
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अंतर वेदना तू भी बिमार , मै भी बिमार तन क्षीण हो रहा, लगातार है सब पीड़ाएं हैं उम्र जन्य , अब कौन करेगा देखभाल तू भी बिमार , मैं भी बिम...
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गुरुवार, 9 जून 2022
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श्री श्री स्वामी जी माधव प्रपन्नाचार्य द्वारा राम कथा के अवसर पर एक कविता माधव से सुनी, राघव की कथा जग जननी मां सीता की व्यथा स्वामी जी न...
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रविवार, 22 मई 2022
टूटे सपने
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मैंने पूछा सपनों से कि यार जवानी में, रोज-रोज आ जाते थे तुम, अब क्यों रूठ गये सपने बोले ,तब पूरे होने की आशा थी , अब आने से क्या होगा, जब तु...
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सपने
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सपने सिर्फ जवानी में ही देखे जाते हैं , नहीं बुढ़ापे में सपनों का आना होता है नींद उचट जाया करती जब काली रातों में , तो बस बीती यादों का दोह...
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ख्वाइश थी बनू रसीला मैं , पक कर के मीठा आम बनू स्वर्णिम आभा ले स्वाद भरा, तेरे होठों लग ,जाम बनू पर देखो मेरी किस्मत ने, कितना मजबूर बन...
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