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रविवार, 22 मई 2022
टूटे सपने
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मैंने पूछा सपनों से कि यार जवानी में, रोज-रोज आ जाते थे तुम, अब क्यों रूठ गये सपने बोले ,तब पूरे होने की आशा थी , अब आने से क्या होगा, जब तु...
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सपने
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सपने सिर्फ जवानी में ही देखे जाते हैं , नहीं बुढ़ापे में सपनों का आना होता है नींद उचट जाया करती जब काली रातों में , तो बस बीती यादों का दोह...
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ख्वाइश थी बनू रसीला मैं , पक कर के मीठा आम बनू स्वर्णिम आभा ले स्वाद भरा, तेरे होठों लग ,जाम बनू पर देखो मेरी किस्मत ने, कितना मजबूर बन...
मंगलवार, 17 मई 2022
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सुख की तलाश क्यों ढूंढ रहे हो इधर उधर सुख तो तुम्हारे अंदर है झांको अपने अंतरतर में ,खुशियों का भरा समंदर है तुम को जीवन के जीने का, बस दृ...
शनिवार, 30 अप्रैल 2022
नारी का श्रृंगार तो पति है
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BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: नारी का श्रृंगार तो पति है : नारी का श्रृंगार तो पति है पति पर जान लुटाए एक एक गुण देख सोचकर कली फूल सी खिलती जा...
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