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मेरा काव्य-पिटारा
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बुधवार, 30 मार्च 2022
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जवानी मांगता हूं मैं 1 गई जो बीत,फिर से वह,कहानी मांगता हूं मैं कबाड़ी हूं ,सदा चीजें, पुरानी मांगता हूं मैं मेरी फरमाइशें देखो ,ये मेरा शौ...
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मंगलवार, 29 मार्च 2022
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मां मां ही होती है नौ महीने तक तुम्हें गर्भ में अपने ढोती है मां तो मां ही होती है जो तुमको गोदी में लेकर अपने आंचल में छुपा तुम्हे, छ...
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हवा हवाई हवाओं से मेरा रिश्ता बहुत ज्यादा पुराना है जन्म से ही शुरु मेरी सांसो का आना जाना है जमाने की हवा ऐसी लगी थी मुझको यौवन में ह...
सोमवार, 28 मार्च 2022
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कान्हा का बुढापा बूढ़े कान्हा, बूढ़ी राधा, दोनों ही कमजोर हुए, ओल्ड एज में ,मजबूरी में ,ऐसे समय बिताते है जमुना तट पर रास रचाना,उनके बस का ...
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रविवार, 27 मार्च 2022
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वह चले गए वह जिनकी अपनी गरिमा थी, गौरव था कठिन काम करना भी जिनको संभव था सूरज जैसे प्रखर, चंद्रमा से शीतल गंगा की लहरों से बहते थे कल कल...
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