पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
काव्य संसार (फेसबुक समूह)
काव्य संसार (फेसबुक पृष्ठ)
हिंदी
मेरा फेसबुक पृष्ठ
ब्लॉग"दीप"
चर्चा मंच
नयी पुरानी हलचल
मेरा काव्य-पिटारा
▼
सोमवार, 30 अप्रैल 2018
›
पढ़ाना हमको आता है चने के झाड़ पर सबको, चढ़ाना हमको आता है कोई भी काम में टंगड़ी अड़ाना हमको आता है भले ही खुद परीक्षा में ,हो चुके फैल हो ले...
›
बुढ़ापा छाछ होता है दूध और जिंदगी का एक सा अंदाज होता है जवानी दूध होती है , बुढ़ापा छाछ होता है दूध सा मन जवानी में ,उबलता है ,उफनता ...
बुधवार, 25 अप्रैल 2018
›
वो अब भी परी है मेरी बीबी अब भी ,जवानी भरी है सत्रह बरस की ,लगे छोकरी है उम्र का नहीं कोई उसमे असर है , निगाहों में मेरी वो अब भी परी है...
1 टिप्पणी:
मंगलवार, 24 अप्रैल 2018
›
तुम इतनी सीधी सादी क्यों हो ? न कोई शिकवा है ,न कोई शिकायत है हमेशा मुस्करा कर ,रहने की आदत है न मुझमे कुछ कमी या खामियां ढूंढती हो पत...
›
दान पुण्य भूखे को भोजन और प्यासे को जल पिलाओ , यह सच्ची सेवा और दान बड़ा होता है भंडारे का खाना ,गुरूद्वारे का लंगर , ...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें