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मेरा काव्य-पिटारा
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बुधवार, 28 जून 2017
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एक दिन तुम ना रहोगे कब तलक यूं ही घुटोगे और आंसूं बन बहोगे एक दिन मै ना रहूँगा ,एक दिन तुम ना रहोगे हर इमारत की बुलंदी ,चार दिन की चांदनी...
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खोट खोट थोड़ी हवाओं में है ,खोट कुछ मौसम में है खोट थोड़ी तुम में भी है, खोट थोड़ी हम में है दूसरों की कमियां ही हम सदा रहते आंकते फटे अपन...
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पियक्कड़ नहीं अप्सरा बूढ़ी होती , हूरें रहे जवान वृद्ध देवता कभी न होते ,करे सोमरस पान दवा और दारू से होते ,सारे मर्ज सही है कभी क...
शुक्रवार, 23 जून 2017
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मीरा और गोविन्द १ ए मीरा अब छोड़ दे,जपना गोविंद नाम गोविंद तो कोविंद हुए ,कृष्ण हो गये राम कृष्ण हो गए राम ,देख कलयुग की माया राष्ट्रप...
सोमवार, 19 जून 2017
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फादर डे हमारा बेटा ,अपनी व्यस्तता के कारण , फादर डे पर मिलने तो नहीं आया पर याद रख के एक पुष्पगुच्छ भिजवाया हमने फोन किया बरखुरदार धन्यव...
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