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गुरुवार, 31 जुलाई 2014
समंदर
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समंदर समंदर ,समंदर,समंदर,समंदर भला हो,बुरा हो,खरा हो या खोटा , समा जाता सब कुछ ही है इसके अंदर समंदर,समंदर,समंदर,समंदर उठा करते दिल ...
क्या वो शख्स मैं ही हूँ?
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क्या वो शख्स मैं ही हूँ? मैं जब भी आइना देखता हूँ, मुझे एक शख्स नज़र आता है जिसका हुलिया,एकदम , मेरी तरह का ही दिखलाता है पर कभी क...
बुधवार, 30 जुलाई 2014
आज का ज़माना
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आज का ज़माना ज़माना ऐसा आया है ,आपको हम क्या बतलाएं हो रही रोज ही अगवा ,यहाँ कितनी ही सीताएं बढ़ रही रावणो की भीड़ है इस कदर दुन...
हर युग का किस्सा
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हर युग का किस्सा कहीं कोई अपहरण हो गया ,चीर किसी का हरण हो गया , पति ने पत्नी को मरवाया ,समाचार ये नित्य आ रहा सम्पति के विव...
मंगलवार, 29 जुलाई 2014
'हरेक में छुपा है ,एक छोटा सा बच्चा '
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'हरेक में छुपा है ,एक छोटा सा बच्चा ' बड़े सख्त दिल के है दीखते जो इन्सां , रहे झाड़ते रौब ,हमेशा ही,जब तब झलकते है उनकी भी...
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