पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
काव्य संसार (फेसबुक समूह)
काव्य संसार (फेसबुक पृष्ठ)
हिंदी
मेरा फेसबुक पृष्ठ
ब्लॉग"दीप"
चर्चा मंच
नयी पुरानी हलचल
मेरा काव्य-पिटारा
▼
मंगलवार, 7 अगस्त 2012
पसीना बहाना
›
पसीना बहाना कितनी नाइंसाफी है गरीब मेहनत कर पसीना बहाता है, और अमीर को पसीना बहाने के लिए, 'सोना बाथ'लेना काफी है बस इतना अंतर...
सोमवार, 6 अगस्त 2012
सीमाओं को लांघने का मज़ा
›
सीमाओं को लांघने का मज़ा सीमाओं को लांघने का भी, अपना एक मज़ा है कूप मंडूक की तरह, घर की चार दीवारी में , सिमट कर रहना और मौजूदा हाला...
दो अनुभूतियाँ-अलास्का क्रूस से
›
दो अनुभूतियाँ-अलास्का क्रूस से १ गर्वीला नीला ग्लेशियर, अपने नीले बरफ के छोटे बड़े टुकड़े, अलास्का की खाड़ी में बहा रह...
भ्रष्टाचार
›
समय था वह ,सबको थी सबके सुखो की कामना भाग्य को दुर्भाग्य से तब दुःख पड़ा था झेलना स्वदेश में विदेश के गुलाम बनके ह...
1 टिप्पणी:
रविवार, 5 अगस्त 2012
बिन दोस्ती
›
क्या होता शमा ये क्या बताऊँ यारों, भगवान न होते और ये बंदगी न होती; दोस्तों के बिना शायद कुछ भी न होता, ये सांसें भी न होती, ये जिं...
5 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें