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रविवार, 29 सितंबर 2019

चस्का चुनाव का

एक नवधनाढ्य से ,जब सम्भल नहीं पायी उसकी माया
तो उसे चुनाव लड़ कर नेता बनने का शौक चर्राया
वो मेरे पास आया
और बोला ,मैं अपनी जयजयकार सदा देखना चाहता हूँ
खुद को फूलों की मालाओं से लदा देखना चाहता हूँ
इसलिए मन कर रहा है नेता बनू और चुनाव  लड़ूँ
आप बताइये कौनसी पार्टी ज्वाइन करूँ
मैंने कहा कई पार्टियों के प्रमुख होते है बड़े विकट
करोड़ों में बेचते है चुनाव का टिकिट
तुम उनके चक्कर में मत  पड़ो
इससे बेहतर है कि इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ो  
कई बार चुनाव के बाद नतीजों की ऐसी स्तिथि आती है
जब किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता,
तब इंडिपेंडेंट केंडिडेट की वेल्यू बहुत बढ़ जाती है
ऐसे में उसके भाग्य  का कमल ऐसा खिलता है
कि धन के साथ साथ ,उसे मंत्री पद भी मिलता है
वो ललचाया और बोलै ठीक है मैं इंडिपेंडेंट चुनाव लडूंगा
पर इस राह पर आगे कैसे बढूंगा
हमने कहा  इसके लिए आपको ,सबको सर झुका कर ,
प्रणाम करने की आदत डालनी होगी
और अपना गुणगान करनेवाले चमचों की
एक फ़ौज पालनी होगी
गरीब जनता के वोट पाने के लिए उन्हें लुभाना पड़ता है
पैसा और दारू ,पानी की तरह बहाना पड़ता है
पर ये काम आसान नहीं है ,
अन्य पार्टियों की नज़र से बचना पड़ता है
और जब आचार संहिता लग जाती है ,
तो बहुत संभल कर चलना पड़ता है
आप अपने चमचों से अलग अलग संस्थाएं
जैसे ' महिला उत्थान समिति 'बनवाये
और उनसे 'मातृशक्ति महिमा मंडन 'जैसे ,
समारोहों का आयोजन करवाए
अपने आपको ऐसे समारोहों का मुख्य अतिथि बनवाएं
और वो आपके हाथों हर महिला को ,
साडी ,सिलाई मशीन या अन्य गृह उपयोगी
उपकरण भेंट करवाये  
इसीतरह युवा विकास केंद्र 'स्थापित करवा ,
युवाओं को टेबलेट लेपटॉप का आपके हाथों वितरण होगा
और आपका प्रभावशाली भाषण होगा
वरिष्ठ नागरिक सेवा केंद्र '
सीनियर सिटिज़न सन्मान समारोह का आयोजन करवा
आपके हाथों बुजुर्गों को शाल अर्पित करवाएंगे
और आपके वोट सुनिश्चित हो जाएंगे  
इसमें पैसा तो आपका लगेगा पर कोई और दिखायेगा खर्चा
मुख्य अतिथि के रूप में आपका होगा चर्चा
लोग आपको पहचानने लग जाएंगे
और जब ये इन्वेस्टमेंट वोट में परिवर्तित होगा ,
आपके भाग्य जग जाएंगे
ये चुनाव का खेल बड़ा कॉम्प्लिकेटेड है ,आसान नहीं है
कई हथकंडे अपनाने पड़ते है ,आपको ज्ञान नहीं है
पर जब एक बार आप पूरे उत्साह और लगन के साथ
खेल के मैदान में उतरेंगे
तो  अपनी बुद्धि और धन के बल पर ,
नैया पार लगा ही लेंगे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
 

बुधवार, 25 सितंबर 2019

हास परिहास

भुला कर जीवन के सब त्रास
न आने  दे  चिंता  को  पास
रहें खुश ,क्यों हम रहे  उदास
आओ हम करे हास परिहास

मिटा कर मन का सारा मैल
किसी से नहीं रखें हम बैर
समझ सब को अपना ,ना गैर
मनाएं सबकी खुशियां ,खैर
हमेशा मस्ती और उल्हास
आओ हम करें हास परिहास

करे जो इधर उधर की बात
 हटा दें चमचों की जमात
सुधर जाएंगे सब हालात
प्रेम की बरसेगी बरसात
बसंती आएगा मधुमास
आओ हम करें हास परिहास

सुने ना ,ये ऐसा वो वैसा
न देखें कंगाली ना पैसा
सभी संग ,हंस कर मिले हमेशा
पाओगे ,जिसको दोगे  जैसा
सभी के बन जाओगे ख़ास
आओ हम करें हास परिहास
 
सुनहरी सुबह रंगीली शाम
रहें हम ,निश्छल और निष्काम
हमेशा मुख पर हो मुस्कान
सभी का भला करेंगे राम
सदा खुशियों का होगा वास
आओ हम करें हास परिहास

न लेना ,देना कोई उधार
सभी में बांटो प्रेमोपहार
रखोगे यदि व्यवहार उदार
मिलेगा तुमको दूना प्यार
कर्म में अपने कर विश्वास
आओ हम करें हास परिहास

तोड़ कर चिताओं का जाल
उड़ें बन पंछी ,गगन विशाल
भुलादो ,बीत गया जो काल
न सोचो ,कल क्या होगा हाल
आज का पूर्ण मज़ा लो आज
आओ हम करें हास परिहास

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

कैसे कैसे लोग

इसतरह के होते है कुछ आदमी
ढूंढते  रहते  है औरों  में  कमी
मगर वो खुद कमी का भंडार है
ठीक होने की जिन्हे दरकार है

प्रबल इतना हुआ उनका अहम है
उनसे बढ़ कर कोई ना ये बहम  है
कमी खुद की ,नज़र उनको आई ना
देखते वो ,नहीं शायद ,आइना

घोटालों में लिप्त जिनके हाथ है
स्वार्थी  चमचे कुछ उनके साथ है
बुरे धंधे , नहीं उनसे  छूटते
जहाँ भी मिलता है मौका ,लूटते

अहंकारों से भरा हर एक्ट है
समझते खुद को बड़ा परफेक्ट है
शरीफों पर किया करते चोंट है
छुपी कोई उनके मन में खोट है

चाहते सत्ता में रहना लाजमी
इस तरह के होते है कुछ आदमी

घोटू 
गदहे  से

गदहे ,अगर तू गधा न होता
आज बोझ से लदा न होता

तेरा सीधा पन ,भोलापन
तेरा सेवा भाव ,समर्पण
समझ इसे तेरी कमजोरी ,
करवाते है लोग परिश्रम
तू भी अगर भाव जो खाता ,
यूं ही कार्यरत  सदा न होता
गदहे ,अगर तू गधा न होता

बोझा लाद ,मुसीबत कर दी
तेरी खस्ता हालत कर दी
ना घर का ना रखा घाट का ,
बहुत बुरी तेरी गत  कर दी
अगर दुलत्ती जो दिखलाता ,
दुखी और गमजदा न होता
गदहे ,अगर तू गधा न होता

तू श्रमशील ,शांतिप्रिय प्राणी
नहीं काम से आनाकानी
बिना शिकायत बोझा ढोता ,
तेरा नहीं कोई भी   सानी
सूखा भूसा चारा खाकर ,
मौन ,शांत  सर्वदा न होता
गदहे ,अगर तू गधा न होता

जो चलते है सीधे रस्ते
लोग उन्हें लेते है सस्ते
जो चुप रहते ,मेहनत करते ,
लोग उन्हें है मुर्ख समझते
अगर रेंक विद्रोह जताता ,
यूं  खूंटे से बंधा न होता
गदहे ,अगर तू गधा न होता


मदन मोहन बाहेती 'घोटू ' 
विक्रय कुशलता

हमारी 'सेलिंग स्किल 'का नहीं है कोई भी सानी
बेचते गोलगप्पे भर ,मसाले डाल  कर पानी
बोतलें बेचते पानी की मिनरल वाटर है कह कर
वसूला करते है पैसे ,टायरों में हवा भर कर
भरा कर गुब्बारों में हम ,हवा भी बेचा करते है  
सड़े मैदे को तल ,मीठी ,जलेबी नाम धरते  है
यहाँ तक ठीक ,लोभी हम ,फायदा देख लेते है
बिना कोई हिचक के हम ,जमीर भी बेच देते है

घोटू 
दबाब

मिला कर हाथ थोड़ा सा दबाना अपनी आदत है
दबा कर उनको बाहों में ,किया करते मोहब्बत है
दबा एक आँख हौले से ,मारते आँख हम उनको,
 छेड़ते रहते उनको  हम ,उन्हें रहती शिकायत है
कहा आदाब उनने जब ,दबाया हमने तो बोले ,
हसीनो को सताते हो ,बड़ी बेजा ये हरकत है
दबे है हम तो ऐसे ही ,तले  अहसान के उनके ,
हमारे दिल की नगरी पर ,उन्ही की तो हुकूमत है
दबा कर दुम ,दुबकते है ,हम इतना डरते है उनसे ,
नाचते है इशारों पर ,यही सच है,हक़ीक़त  है

घोटू 
रजतकेशी सुंदरी  

रजतकेशी  सुंदरी तुम
अभी भी हो मदभरी तुम
स्वर्ग से आई उतर कर ,
लगती  हो कोई परी तुम

मृदुल तन,कोमलांगना हो
प्यार का  तरुवर घना  हो
है वही लावण्य तुम में ,
प्रिये तुम चिरयौवना  हो

अधर  अब भी है रसीले
और नयन अब भी नशीले
क्या हुआ ,तन की  कसावट ,
घटी ,है कुछ अंग  ढीले

है वही उत्साह मन में
चाव वो ही ,चाह मन में
वही चंचलता ,चपलता ,
वही ऊष्मा ,दाह तुम में

नाज़ और नखरे वही है
 अदायें कायम  रही है
खिल गयी अब फूल बन कर ,
चुभन कलियों की नहीं है

भाव मन के जान जाती
अब भी ,ना कर ,मान जाती
उम्र को दी मात तुमने ,
मर्म को पहचान जाती

बुरे अच्छे का पता है
आ गयी  परिपक्वता है
त्याग की और समर्पण की ,
भावना मन में सदा है

नित्य नूतन और नयी हो
हो गयी ममतामयी  हो
रजतकेशी सुंदरी तुम ,
स्वर्णहृदया बन गयी हो

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
श्राद्ध और दक्षिणा

दो दिन बाद ,पिताजी का श्राद्ध था
ये मुझे याद था
मैंने पंडितजी को फोन मिलाया
थोड़ी देर घंटी बजती रही ,
फिर उन्होंने डकार लेते हुए फोन उठाया
मैंने कहा पंडितजी प्रणाम
वो बोले खुश रहो यजमान
कहिये किस लिए किया है याद
मैंने कहा परसों है पिताजी का श्राद्ध
आपको सादर निमंत्रण है
वो बोले परसों तो तीन आरक्षण है
पर श्रीमान
आप है पुराने यजमान
आपका निमंत्रण कैसे सकता हूँ टाल
बतलाइये ,आपको यजमानो की सूची में ,
आपको कौनसे नम्बर पर दूँ डाल  
मैंने कहा गुरुवर
क्या है ये नम्बर का चक्कर
वो बोले एक नंबर के यजमान के यहाँ ,
हम सबसे पहले जाते है
तर्पण करवाते है
पेट भर खाते  है
आप तो जानते ही है कि जितना हम खायेंगे
उतना ही सीधे आपके पुरखे पायेंगे
हमारा पेट भर खाना
याने आपके पुरखों को तृप्ति पहुँचाना
पर इसके लिए दक्षिणा थोड़ी ज्यादा चढ़ाना होता है
और मान्यवर
पंडित के लिए बायाँलिस नंबर का ,
मान्यवर का कुरता पाजामा लाना होता है
ऐसा श्राद्ध ,सर्वश्रेष्ठ श्रेणी का श्राद्ध कहलाता है
जिससे पुरखा पूर्ण तृप्ति पाता  है
दूसरे नम्बर के यजमान के यहाँ ,
हम पूर्ण करने उनका प्रयोजन
कर लेते है थोड़ा सा भोजन
यह अल्पविराम होता है
अच्छी दक्षिणा में हमारा ध्यान होता है
क्योंकि जो हम खातें है वो तो,
यजमान के पुरखों को चला जाता है
हमारे हाथ तो सिर्फ दक्षिणा का पैसा आता है
साल में श्राद्धपक्ष के सोलह दिन
ये ही तो होता है हमारा 'बिजी सीजन '
जब इतना खाते है तो पचाना भी होता है
चूरन आदि भी खाना होता है
सेहत ठीक रखने के लिए जिम भी जाना होता है
और आप तो जानते ही है ,
कि मंहगाई कितनी बढ़ती जा रही है
हर चीज की कीमत चढ़ती जा रही है
क्या आपको यह उचित नहीं लगता है
दक्षिणा की राशि में वृद्धि की कितनी आवश्यकता है  
हमको भी चलाना होता घर परिवार है
अब आपसे क्या कहें,आप तो खुद ही समझदार है
रही तीसरे और चौथे यजमान की बात ,
तो उनके यहाँ हम कम ही बैठते है
बस थोड़ा सा मुंह ही ऐंठते है
पेट में जगह ही कहाँ बचती है जो खाएं खाना
बस हमारा तो ध्येय होता है उचित दक्षिणा पाना
पांचवां छटा यजमान भी मिल जाए,
 तो उसे भी हम नहीं छोड़ते है
क्योंकि हम किसी का दिल नहीं तोड़ते है
हमने कहा पंडितजी ,आपका वचन सत्य है
अवसर का लाभ लेना ,आदमी का कृत्य है
ये तो आपका सेवाभाव ही है जो आप ,
श्राद्ध के पकवान खा लेते है
और हमारे पुरखों तक पहुंचा देते है
अगर आप ये उपकार नहीं करते
तो हमारे पुरखे तो भूखे ही मरते
ये आपकी विशालहृदयता है
जिसके बदले 'कोरियर चार्जेस 'के रूप में ,
आपका अच्छी दक्षिणा पाने का हक़ तो बनता है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

मंगलवार, 24 सितंबर 2019

विरहन की पुकार

गर्मी में उमस सताती है ,सर्दी में सिहरन होती है ,
बारिश में बरसते आंसूं पर तुम रोने मुझे नहीं देते
कुछ मुंदी  अधमुंदी आँखों से ,जी खोना चाहे ख्यालों में ,
तो मुझे जगा सपनो में भी ,तुम खोने मुझे नहीं देते
तुम्हारी साँसों में बस कर ,अपना सम्पूर्ण समर्पण कर ,
जी चाहे तुम्हारी हो जाऊं ,तुम होने मुझे नहीं देते
जब तुम रहते हो दूर सनम ,तो मुझको नींद नहीं आती ,
जब पास हमारे आ जाते  ,तो सोने मुझे  नहीं देते

घोटू 
पुण्य या ?

कुछ दाने धरती पर बिखरा ,थोड़ा सा पानी से सींचों ,
वो कई गुना बन जाएंगे ,लोगों की भूख मिटायेंगे
लेकिन बिखरा उन दानो को ,तुम कबूतरों को खिला रहे ,
जब माल मुफ्त का देखेंगे ,कर बीट  ,ढीठ चुग जाएंगे
तुम सोच रहे बिखरा दाने ,तुम कार्य पुण्य का करते हो ,
पर अगर ढंग  से सोचो तो ,कुछ पुण्य नहीं तुम कमा रहे
नित कार्यशील थे जो पंछी ,उड़ते तलाश में दाने की ,
बिन मेहनत खिला रहे उनको और उन्हें निकम्मा बना रहे

घोटू 
मेरे प्यार का दुश्मन

ये कान लगा कर सुनती है जब वो इनसे कुछ कहता है
ये उससे चिपकी रहती है ,वो इनसे चिपका रहता है
ये मेरी ओर देखती ना ,बस उससे नज़र मिलाती है
और एक हाथ से पकड़ उसे ,फिर दूजे से सहलाती है
वो थोड़ी सी हरकत करता तो उसके पास दौड़ती है
हद तो तब होती बिस्तर पर भी ,उसको नहीं छोड़ती है
वो नाजुक नाजुक हाथ कभी ,सहलाया करते थे हमको
बालों में फंसा नरम ऊँगली,बहलाया करते थे हमको
वो ऊँगली हाथ सलाई ले ,सर्दी में बुनती थी स्वेटर
सर दुखता था तो बाम लगा ,जो सहलाती थी मेरा सर
वो ऊँगली जिसमे  चमक रहा अब भी सगाई का है छल्ला
हो गयी आज बेगानी सी ,है छुड़ा लिया मुझसे पल्ला
ऐसी फंस गयी मोहब्बत में ,उस स्लिम बॉडी के चिकने की
करती रहती है चार्ज उसे ,और  मेरे पास न टिकने की
वो इन्हे संदेशे देता है ,घंटों तक इनको तकता है
अपने सीने में खुले आम ,इनकी तस्वीरें रखता है
उससे इनने दिल  लगा लिया ,और तोड़ दिया है मेरा दिल
मेरी जान का दुश्मन मोबाईल ,मेरे प्यार का दुश्मन मोबाईल

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

रविवार, 22 सितंबर 2019

Happy weekend ...?

My name is Reem E. Al-Hashimi, the Emirates Minister of State and Managing Director for the United Arab Emirates (Dubai) World Expo 2020 Committee. I am writing you to stand as my partner to receive my share of gratification from foreign companies whom I helped during the bidding exercise towards the Dubai World Expo 2020 Committee.
As a married Arab women serving as a minister, there is a limit to my personal income and investment level. For this reason, I cannot receive such a huge sum back to my country, so an agreement was reached with the foreign companies to direct the gratifications to an open beneficiary account with a financial institution where it will be possible for me to instruct further transfer of the fund to a third party account for investment purpose which is the reason i contacted you to receive the fund as my partner for investment in your country.
The amount is valued at $47,745,533.00 United States dollars with a financial institution waiting my instruction for further transfer to a destination account as soon as I have your information indicating interest to receive and invest the fund.I will compensate you with 30% of the total amount and you will also get benefit from the investment.
If you can handle the fund in a good investment, get back to me for more details on this email; ( sm9546729@gmail.com  )
Sincerely,
Ms. Reem.
 
 

शनिवार, 21 सितंबर 2019

【SEAnews:India Front Line Report】 September 19, 2019 (Thu) No. 3936

SEAnews SEA Research, BLK 758 Yishun Street 72 #09-444 Singapore 760758
India Front Line Report
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Latest Top News(vol.190919)
(最新ニュース 27件)
2019-09-19 ArtNo.46577(1/27)
◆インド、ロシア極東開発に10億米ドル融資枠




【ウラジオストク】ナレンドラ・モディ首相は9月5日、「インドはロシアと肩を組んで極東開発に乗り出す」と述べるとともに、「資源に恵まれたこの地域の開発のための10億ドルの融資枠を設ける」と発表した。(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46578(2/27)
◆印度为俄罗斯远东地区的发展提供了10亿美元的信贷额度




【符拉迪沃斯托克】纳伦徳拉·莫迪总理于9月5日表示,印度将与俄罗斯在远东发展方面并肩作战,并宣布为这个资源丰富地区的发展提供10亿美元的信贷额度。(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46579(3/27)
◆India extends $1 billion line of credit for development of Russia's Far East




【Vladivostok】Prime Minister Narendra Modi on September 05 said India will walk shoulder-to-shoulder with Russia in its development of the Far East and announced a $1 billion line of credit for the development of the resource-rich region.(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46580(4/27)
◆モディ首相、ロシアで安倍首相と会談




【ウラジオストク】ナレンドラ・モディ首相は9月5日、日本の安倍晋三首相と会談、両首脳は、経済および防衛を含む多くの分野で強固な二国間関係を一層強化することを誓った。
○インド/日本、インド太平洋協力2 + 2対話開催(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46581(5/27)
◆莫迪总理在俄罗斯会见日本首相安倍晋三




【符拉迪沃斯托克】总理纳伦徳拉·莫迪于9月5日会见了日本首相安倍晋三,两位领导人互相承诺将包括经济和国防领域在内的已经巩固的双边关系进一步加强。
○印度/日本,举行印度太平洋合作2 + 2对话(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46582(6/27)
◆PM Modi meets Japanese PM Shinzo Abe in Russia




【Vladivostok】Prime Minister Narendra Modi on September 05 met his Japanese counterpart Shinzo Abe and the two leaders pledged to deepen the robust bilateral ties in a number of areas, including in economic and defence sectors.
○India, Japan to hold 2+2 dialogue on Indo-Pacific cooperation(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46583(7/27)
◆パキスタン、エルサレムとある種の関係構築も




【ラホール】インドのナレンドラ・モディ首相が国連総会に出席するためニューヨークを訪ずれるのに先立って、イスラエルのベンヤミン・ネタニヤフ首相が今月インドを短期訪問する可能性が取りざたされる中、パキスタンのソーシャル・メディアに、イムラン・カーン首相に率いられる現政権がその外交政策に見直しを加え、エルサレムとある種の関係を築いてはどうかと言う興味深い提案が突然出現した。
○状況は劇的に変化(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46584(8/27)
◆巴基斯坦也许与耶路撒冷建立某种关系




【拉合尔】在印度总理纳伦徳拉·莫迪飞往纽约参加联合国大会之前,以色列总理本雅明·内塔尼亚胡本月可能短暂访问印度的时刻,在巴基斯坦社交媒体网络上突然出现一些『有趣的建议』即,巴基斯坦的现任伊姆兰·汗领导的政权也许重新检讨国家外交政策并与耶路撒冷建立某种关系。
○情况巨大变化(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46585(9/27)
◆Pak govt may establish some sort of a relationship with Jerusalem




【Lahore】At a juncture when Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu might undertake a short trip to India this month before Indian premier Narendra Modi flies to New York for the United Nations General Assembly meeting, some "intriguing suggestions" have suddenly cropped up on the social media network in Pakistan for the incumbent Imran Khan-led regime to revisit the national foreign policy and establish some sort of a relationship with Jerusalem.
○The situation has changed drastically(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46586(10/27)
◆世界はインドの侵略行為を阻止する責任がある:イムラン首相




【イスラマバード】イムラン・カーン首相は9月4日、パキスタンを訪れたサウジアラビアとアラブ首長国連邦(UAE)の外相に、占領下のカシミールにおけるニューデリーの違法で一方的な措置に伴う状況について説明するとともに、国際社会はインドに違法行為と攻撃的な政策や姿勢の停止と転換を促す責任があると語った。
○ロンドン警察、カシミール支援デモ参加者二人を逮捕(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46587(11/27)
◆世界有责任制止印度的侵略; 伊姆兰总理




【伊斯兰堡】伊姆兰·汗总理于9月4日向到访的沙特阿拉伯和阿拉伯联合酋长国的外交部长通报了在被占领的克什米尔由新徳里所做的非法和单方面措施所引起的局势,并指出国际社会有责任促使印度停止和转换其非法并粗暴的政策和姿态。
○伦敦警方逮捕了两名克什米尔支持示威者(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46588(12/27)
◆World has responsibility to stop Indian aggression; PM Imran




【Islamabad】Prime Minister Imran Khan on September 4 apprised the visiting foreign ministers of Saudi Arabia and the United Arab Emirates (UAE) of the situation arising from New Delhi's illegal and unilateral actions in occupied Kashmir, stating that the international community has the responsibility to urge India to halt and reverse its illegal actions and aggressive policies and postures.
○Two held in London after Indian mission damaged in Kashmir protest(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46589(13/27)
◆インド洋地域の軍拡競争に反対:スリランカ首相




【マレ】スリランカのラニル・ウィクラマシンハ首相は昨日、モルディブで開催されたインド洋会議(IOC:Indian Ocean Conference)で、「インド洋は一方で『インドと中国』、他方で『アメリカと中国』が縄張りを争うグローバル地政学の舞台と化している」と語った。
○スリランカとモルディブの提携は世界的なテロ撲滅に寄与(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46590(14/27)
◆反对印度洋地区的军事竞争:斯里兰卡总理




【马累】斯里兰卡总理拉尼尔·维克勒马辛哈(Ranil Wickremesinghe)昨天(9月4日)在马尔代夫举行的印度洋会议(IOC:Indian Ocean Conference)上表示,「印度洋是一方面『印度和中国』,另一方面『美国和中国』互相争夺地盘的当代全球地缘政治的剧场。」
○斯里兰卡与马尔代夫的携手将确保没有恐怖主义的世界(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46591(15/27)
◆Sri Lanka opposes military rivalry in Indian Ocean region: PM




【Male】Prime Minister Ranil Wickremesinghe yesterday (September 4) told the Indian Ocean Conference meeting in The Maldives that the Indian Ocean was becoming "a theatre of contemporary global geopolitics with India and China on one hand, and the and USA and China on the other, competing for space".
○SL-Maldives ties would ensure a world free of terrorism(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46592(16/27)
◆ロヒンギャの島嶼移転、国外退去:判断はバングラデシュから国連へ




【ダッカ】バングラデシュのアブル・カラム・アブドゥル・モメン外相は、ドイツ・メディアのインタビューに応じ、「バングラデシュ政府は、国連援助機関が10万人の難民をベンガル湾の離島に移住させる計画を支持するよう望んでいる」と語った。(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46593(17/27)
◆罗兴亚迁移到岛屿或离开孟加拉:球从孟加拉国到联合国球区




【达卡】孟加拉国外交部长阿布尔·卡拉姆·阿卜杜勒·莫门(AK Abdul Momen)在接受徳国媒体采访时说,「孟加拉国政府希望联合国援助机构支持其将10万名难民迁移到孟加拉湾偏远岛屿的计划。」(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46594(18/27)
◆Support Rohingya island relocation or leave the country: Bangladesh to UN




【Dhaka】In an interview with a German media outlet, Bangladesh Foreign Minister AK Abdul Momen said that the Bangladeshi government wants the United Nations aid agencies to support its plan to relocate 100,000 refugees to a remote island in the Bay of Bengal.(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46595(19/27)
◆王毅外相訪問でネパールと中国の関係強化




【カトマンズ】ネパールを訪れた中国の王毅外相は9月10日、帰国に先だってネパール共産党統一毛沢東主義派(NCP:Nepal Communist Party=Unified Communist Party of Nepal-Maoist)のプラチャンダ・プシュパ・カマル・ダハル共同議長、ネパール会議派(NC:Nepali Congress)のシェール・バハドゥル・デウバ議長、およびNCのラム・チャンドラ・パウデル上級指導者と会談した。(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46596(20/27)
◆外交部长王毅的访问加强尼中关系




【加徳满都】中国外交部长王毅于9月10日与尼泊尔共产党(NCP:Nepal Communist Party=Unified Communist Party of Nepal-Maoist)帕苏巴·卡麦尔·达哈尔(Pushpa Kamal Dahal)联合主席,尼泊尔国民大会党(NC:Nepali Congress)的谢尔·巴哈杜尔·徳乌帕(Sher Bahadur Deuba)主席和NC的拉姆钱徳拉·保徳尔(Ramchandra Paudel)高级领导人会面。(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46597(21/27)
◆Foreign Minister Wang Yi's visit stressed Nepal-China relations




【Kathmandu】Visiting Minister of Foreign Affairs of China Wang Yi on September 10 held meetings with Nepal Communist Party (NCP) Co-chairperson Pushpa Kamal Dahal, Nepali Congress President Sher Bahadur Deuba and NC's senior leader Ramchandra Paudel, prior to his return.(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46598(22/27)
◆インド太平洋戦略に逸脱無し:ネパール政府、米大使館に回答




【カトマンズ】米国大使館が「ネパールは『インド太平洋戦略(IPS:Indo-Pacific Strategy)』に反対する」と伝えた中国外務省の声明についてネパール政府に釈明を求めた翌日(9月12日)、ゴクル・プラサド・バスコット(Gokul Prasad Baskota)通信情報相は「IPSに関してパキスタン政府は何等逸脱していない」と表明した。(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46599(23/27)
◆尼泊尔政府向美国大使馆回答说:印度太平洋战略没有偏离




【加徳满都】在美国大使馆要求尼泊尔政府澄清中国外交部声明说「尼泊尔不同意『印度太平洋战略(IPS:Indo-Pacific Strategy)』」的一天后,政府发言人戈库尔·普拉萨徳·巴斯科塔(Gokul Prasad Baskota)今天(9月12日)表示在政府对IPS的立场上没有任何偏差。(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46600(24/27)
◆No deviation in Nepal's Indo-Pacific Strategy: Govt says to US Embassy




【Kathmandu】A day after the Embassy of the United States sought the government's clarification on a Chinese Foreign Ministry statement that stated Nepal disagrees with the Indo-Pacific Strategy (IPS), the government Spokesperson Gokul Prasad Baskota today (September 12) said there had been no deviation in the government's position regarding the IPS.(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46601(25/27)
◆書評:聖霊のバプテスマ(ぶどう園の譬え)




 世界の人口の54%に相当する36億人が信仰している『アブラハムの宗教』は、ユダヤ教徒やキリスト教徒それからイスラム教徒などが始祖として認めている旧約聖書の主要人物、アブラハムと神との契約に基づくものとされる。
 アブラハムの宗教を構成するこれらの宗教の教義には大きな違いが存在するものの、何れも旧約聖書の記述を信仰の根幹に据えている。しかし最近の考古学的発見から旧約聖書の多くの記述が、メソポタミアの古代シュメール神話を起源としていることが明らかになった。
○洪水伝説
○祭政一致の契約社会と驚異的食料増産
○エデンの原型ティルムン
○バビロン捕囚と旧約の成立
○『ぶどう園の譬え』
○不在地主と小作人
○『ぶどう園の譬え』のグノーシス的意味
○離却語言(りきゃくごごん)(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46602(26/27)
◆书评:圣灵的施洗(葡萄园的比喻)




 全世界人口的54%,即约36亿人信仰的『亚伯拉罕诸教(Abrahamic religions)』据说是基于被犹太人,基督徒,回教徒以及其他宗教信徒认可的主要旧约圣经人物亚伯拉罕与上帝的盟约而来的。
 虽然亚伯拉罕诸教的教义之间存在显著差异,但它们都将旧约的叙述置于它们信仰的核心。然而,最近的考古学发现显示,旧约的许多记述起源于美索不达米亚的古代苏美尔神话。
○巴比伦洪水传说
○祭政一致的契约社会和惊人的粮食产量
○迪尔蒙岛是伊甸园的原型
○巴比伦被掳和旧约圣经的成立
○『葡萄园的比喻』
○在外地主和佃户
○『葡萄园的比喻』的格诺西斯主义意义
○离却语言(...Read more)
2019-09-19 ArtNo.46603(27/27)
◆Review:The baptism of the Holy Spirit (Parable of vineyard)




 The Abrahamic religions, which is believed by 3.6 billion people, that is, 54% of the world's population, is said to be based on the covenant of Abraham, who is recognized as a major biblical figure of the Old Testament by Jews, Christians, Muslims and others, and God.
Although there are significant differences among their doctrines of Abrahamic religions, they all put the Old Testament account at the heart of their faith. However, recent archaeological discoveries revealed that many descriptions of the Old Testament originated from the ancient Sumerian mythology of Mesopotamia.
○Babylonian flood legend
○Theocratic contract society and Amazing food production
○The prototype of the Garden of Eden
○The captivity of Babylon and the establishment of the Old Testament
○"Parable of vineyard"
○Absentee landlord and peasants
○Gnostic meaning of "Parable of vineyard"
○Detachment From Words(...Read more)
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सोमवार, 16 सितंबर 2019

【SEAnews】Review:The baptism of the Holy Spirit (Parable of vineyard)-e

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Review:The baptism of the Holy Spirit (Parable of vineyard)

The Abrahamic religions, which is believed by 3.6 billion people, that is, 54% of the world's population, is said to be based on the covenant of Abraham, who is recognized as a major biblical figure of the Old Testament by Jews, Christians, Muslims and others, and God.
The followers of Judaism, which was born as the religion of the unity of the twelve tribes, each of whom is a descendant of Jacob, whose alias is Israel, consider that their spiritual identity is derived from Abraham as the first of the three "fathers" or biblical Patriarchs: Abraham, Isaac, and Jacob.
Most Christians, as gentiles, consider themselves as grafted into the family tree under the New Covenant and affirm Abraham as their spiritual ancestral origin.
Muslims see their Arabian founder Muhammad as a direct descendant of Abraham's eldest son Ishmael (Isaac's half-brother).
Although there are significant differences among their doctrines of Abrahamic religions, they all put the Old Testament account at the heart of their faith. However, recent archaeological discoveries revealed that many descriptions of the Old Testament originated from the ancient Sumerian mythology of Mesopotamia.
Babylonian flood legend

British archaeologist Austen Henry Layard unearthed the ruins of Nimrud, which had been built by King Ashurnasirpal II of Assyria in the 9th century BC, and collected 20,000 and several thousand cuneiform clay plates from the ruin of the King Ashurbanipal's Library in 1845.
27 years later in 1872, the British Museum's cuneiform researcher George Smith discovered a description of the Babylonian flood legend from one of clay plates of the King Ashurbanipal's Library. This flood legend, which closely resembles Noah's flood in the Old Testament, was later found to be a part of the Epic of Gilgamesh known as the 5th King of the 1st Dynasty of Uruk, the ancient Sumerian city-state.
Uruk dynasty, the oldest Sumerian dynasty, was established around 3500 BC after the disappearance of the Ubaid culture, which had flourished around 5500 BC-3800 BC based on irrigated agriculture, and of which name is originated from the Ubaid ruins located 6 km west of Ur. Since then until 2000 BC, Sumerian city states, such as Uruk, Eridu, Ur, Lagash, Shuruppak and Nippur, flourished.
Theocratic contract society and Amazing food production

In the center of each city had a brick tower called Ziggurat with a temple on top of it. The highest monk called Lugal served as its monarch who collected a tenth of the harvest as a tax and issued a receipt on each time. They also traded grain in the temples, created cuneiform letters to record these economic activities and adopted decimal and 60-decimal systems.
Sumerians developed advanced irrigated agriculture, raised livestock and brewed as many as 30 brands of beer. The yield of barley, their staple food, reached 70 to 80 times seed, thanks to the stripe seeding method and the invention of the necessary equipment. Incidentally, the harvest in Europe was about 10 times seed in the 18th century.
In Temenos, the center of Ur, there were the temple, the palace, government offices, textile factories and warehouses. In the textile factory, 95 women were working in a two-part system. Its account book contains the names of supervisors, skilled workers and unskilled workers, and the distribution amount of oil and fish to each of them. In addition, there was a protection system in place for the sick, widows and orphans. King Ur Nammu, the founder of the Third Ur dynasty, which reached its heyday in 2100 BC to 2000 BC, compiled "the Code of Ur - Nammu." Around this time, cylinder seals were used, and there was a perfect contract society and the Priesthood politics, that is, the unity of religion and politics, was manifest.
The prototype of the Garden of Eden

It seems that the island of Dilmun, which looks like today's Bahrain Island in the Persian Gulf, was the prototype of the Garden of Eden. According to the description recorded on the clay boards with cuneiform characters by the unidentified ethnic who called themselves 'black head people (uŋ saŋ giga),' in Dilmun, lions did not kill people, wolves also did not attack the lambs and no one said herself or himself an old woman or an old man.
Dilmun, which was refered by King Sargon of Akkad and his descendants as the lands conquered by them and encompassed Bahrain, Kuwait, Qatar and the eastern portion regions of Saudi Arabia, seems to have been the commercial center at that time and the core of Sumerian mythology.
The captivity of Babylon and the establishment of the Old Testament
The Old Testament is thought to have inherited not only the legends of 'Garden of Eden' and 'Noah's flood' but also 'the Priesthood politics' and 'the contract social system' from Sumerian culture. However, Abraham and his father Terra, and even Moses, who is said to be the author of the Law Books in the Old Testament, seem impossible to have been familiar with the details of Sumerian culture.

When the kingdom of Judah was destroyed by Neo-Babylonia in 586 BC, the aristocratic class of the kingdom of Judah was taken to Babylon, the capital city of Babylonia, several times as captives. The number of captives reached as many as 10,000, including the prophets Daniel and Ezekiel.
When the Assyrians conquered the Northern Kingdom of Israel, they deported the Israelis, moved other conquered people from various countries into Samaria and mixed them. Thus, the ten tribes of Northern Israel virtually disappeared. In contrast, the Neo-Babylonian Empire moved only the upper class people of the Kingdom of Judah to Babylonia and allowed Jews to maintain their own religious life.
For this reason, Jews who migrated to Babylonia had the opportunity to learn many things from the Sumerian documents stored in the King Ashurbanipal's Library, and when they were allowed to return home by Achaemenid Persia, these knowledges seem to have been taken to Jerusalem. In other words, the main parts of the Old Testament mythology and the Mosaic Law, including the Garden of Eden and the Flood of Noah, may have been established after the captivity of Babylon.
"Parable of vineyard"

When the chief priests and the elders of the people asked Jesus, who had marched into Jerusalem as the King of Israel riding a donkey colt and leading the masses and had expelled merchants in the temple, "By what authority are you doing these things? And who gave you this authority?" Jesus did not reply but asked, "John's baptism--where did it come from? Was it from heaven, or from men?" They answered, "We don't know." Then Jesus said, "Neither will I tell you by what authority I am doing these things." Jesus declined to answer but began to speak to them in parables:
"A man planted a vineyard. He put a wall around it, dug a pit for the winepress and built a watchtower. Then he rented the vineyard to some farmers and went away on a journey. At harvest time he sent a servant to the tenants to collect from them some of the fruit of the vineyard. But they seized him, beat him and sent him away empty-handed. Then he sent another servant to them; they struck this man on the head and treated him shamefully. He sent still another, and that one they killed. He sent many others; some of them they beat, others they killed. He had one left to send, a son, whom he loved. He sent him last of all, saying, 'They will respect my son.' But the tenants said to one another, 'This is the heir. Come, let's kill him, and the inheritance will be ours.' So they took him and killed him, and threw him out of the vineyard. What then will the owner of the vineyard do? He will come and kill those tenants and give the vineyard to others. Haven't you read this scripture: 'The stone the builders rejected has become the capstone; the Lord has done this, and it is marvelous in our eyes'?"
Then they looked for a way to arrest him because they knew he had spoken the parable against them. But they were afraid of the crowd; so they left him and went away. (Mark 12:1-12)
Absentee landlord and peasants

When the nomads led by Abraham converted from polytheism to indigenous monotheism on the condition that they circumcised themselves to avoid mixed races with local residents, a symbiotic relationship was established in which the nomads were enslaved to the indigenous farmers. But when Moses' successor Joshua, who had ultimately suppressed all Canaan, cast lots for the twelve tribes of Israel and divided the land to them according to their divisions, a reversal of position occurred in which the indigenous farmers were enslaved to the nomads. The Jews, who became the ruling class, seem to have kept nomadic life and moved frequently and have become absentee landlords, while the indigenous farmers seem to have continued to farm as before, paying taxes and peasant fees to the ruling class. It seems that such relationship between the absentee landlord and the peasants was maintained even in the days of Jesus. It seems that the such relationship between the nomads and the indigenous farmers is reflected to "Parable of vineyard" of which parallel articles are in Gospels of Matthew (21: 33-42), Luke (20: 9-17) and Thomas (65-66).
Gnostic meaning of "Parable of vineyard"

According to Mr. Sasagu Arai, author of the Japanese version of The Gospel of Thomas, the following Gospel of Thomas' version of "Parable of vineyard" is quite different from the synoptic gospels' versions in their details.
 <65> He said, "A [...] person owned a vineyard and rented it to some farmers, so they could work it and he could collect its crop from them. He sent his slave so the farmers would give him the vineyard's crop. They grabbed him, beat him, and almost killed him, and the slave returned and told his master. His master said, 'Perhaps he didn't know them.' He sent another slave, and the farmers beat that one as well. Then the master sent his son and said, 'Perhaps they'll show my son some respect.' Because the farmers knew that he was the heir to the vineyard, they grabbed him and killed him. Anyone here with two ears had better listen!" <66> Jesus said, "Show me the stone that the builders rejected: that is the keystone."
According to Mr. Sasagu Arai, 'a good person (A [...] person)' means 'Propate (the highest and ultimate entity),' 'Vineyard' is 'prepared soil,' 'collect its crop' is 'original self,' and 'Farmers' means 'unoriginal self.' The farmers persecuted his slaves because of 'ignorance' of 'the person who was sent.' 'The heir' sent by the owner is 'Jesus.'
Because the farmers knew that he was the heir to the vineyard, they killed him. It seems to contradict 'ignorance' as a motive for persecution. However, 'the farmers knew that he was an heir' was a superficial thing, and essentially they did not know it.
The meaning of 'Jesus' suffering and death' in the Gospel of Thomas is, like the other Gnostic Gospels, a hardship to obtain 'harvest (the original self)' and he who was killed was not Jesus' substitution. Still, the Gospel of Thomas does not accept "Jesus' resurrection from the dead." All of the Gospel of Mark, Matthew, and Luke quote the Greek version of Psalm 21:23 as it is, saying "'The stone the builders rejected has become the capstone," and suggest the resurrection of Jesus who was killed. While the Gospel of Thomas says, "Show me the stone that the builders rejected: that is the keystone," and reconfirms that 'the true living person' will not die even if he is physically killed,' as the Gospel says in its verse 11. In other words, 'Jesus is living God from the beginning' and there is no death for Jesus. The Gospel of Philip describes this point as follows; Those who say that the Lord died first and (then) rose up are in error, for he rose up first and (then) died. If one does not first attain the resurrection, he will not die. As God lives, he would [...]. (Philip 21)
Detachment From Words

These interpretation of the Gnostic Gospels are in some ways consistent with Zen Buddhism, which regards the spiritual rebirth (再活現成) as one of its fundamental tenets. During the later part of the five dynasties and ten kingdoms period (五代十国907-960) in China, Zen master FengXue YanZhao (風穴延沼), who was a chief priest of FengXueShan Temple (風穴寺) in Ruzhou District (汝州Current Henan Province河南省), giving instruction, said, "If one raises a speck of dust, a nation prosper. If one does not raise a speck of dust, a nation perish." Thus, for Jesus, who has attained spiritual rebirth, found the original Self and testified "Holy am I alone throughout heaven and earth. Grass, trees and the domains of all living things, all attain Christhood," Judea and Rome are just two specks of dust and their rise and fall is like cutting off his nails.
Today, Zen Buddhism in Japan is generally divided into two groups: Rinzai Buddhism (臨済宗), which favors the discipline of koan (公案) training called 'Kanwa (看話: meditation of word)' and Soto Buddhism (曹洞宗), which uses 'Mokusho (黙照: Silent Illumination)' as the fundamental approach to enlightenment. One day, a monk asked Zen Master FengXue, "Speech or silence is just a half of reality, how can I capture the whole thing?" Then Fengxue sang a passage of great poet DuFu(杜甫) saying, "I always remember Jiangnan (江南) in the third month, partridges calling amidst all the flowers so fragrant." (Wumenguan CASE 24)
Wumen Huikai (無門慧開1182-1260), who wrote "Wumenguan (無門関Gateless Barrier)", an analects of Koan during the Southern Song Dynasty (南宋1127-1279), commented this koan (Wumenguan Case 24) saying, "FengXue's spirit is like lightening. It catches the target and runs straight away. But why does he rest upon the tip of ancient one's tongue (DuFu's poem) and not cut it off? If you realize this deeply, a way (of spiritual rebirth) will be found naturally. Just leave all words behind and say one phrase." He also gave us another advice in his following verse;
FengXue does not speak in his usual style;
Before he says anything,
the secret, which the thousand sages have not transmitted, is already manifested.
If you go chattering glibly,
You should be ashamed of yourself. <To be continued>
[Reference]
《The Blue Cliff Record》CASE 61: FengXue's a speck of dust
【Pointer】
To set up the Banner of the Teaching and establish its fundamental message is a matter for a genuine master of the school. To judge dragons and snakes, distinguish the initiate from the naive, one must be an accomplished teacher. As for discussing killing and giving life on the edge of a sword, discerning what is appropriate for the moment with a staff, this I leave aside for the moment; just tell me in one phrase how you will assess the matter of occupying the heartland singlehandedly. To test, I cite this:
【Case】
FengXue, giving instruction, said, "If one raises a speck of dust, the house and the nation prosper. If one does not raise a speck of dust, they perish." XueDou (雪竇) held up his staff and said, "Is there anyone who lives and dies with this?"
【Verse】
The old peasant may not unfurrow his brows, but hopes to establish a sturdy foundation for the nation. Crafty ministers, valiant generals, where are they now? Ten thousand miles' pure wind, only I know.
《The Gateless Barrier》CASE 24: Detachment From Words
【Case】
A monk asked FengXue in all earnestness, "Both speech and silence are concerned with ri (離) and mi (微). How can we transcend them?" FengXue said, "I constantly think of Konan (江南) in March, where partridges are chirping among hundreds of fragrant blossoms."
【Note】
Ri (離) is to detach from phenomena and keep silence, that is, the body of dharmata (the true nature of reality法性).
Mi (微) means "subtle and incredible," that is, the use of dharmata.
【Commentary】
FengXue's activity of mind is like lightening. When he gains the road, he immediately dash to the target. But why does he rest upon the tip of ancient one's tongue and not cut it off? If you realize this deeply, a way (of spiritual rebirth) will be found naturally. Just leave all words behind and say one phrase.
【Verse】
FengXue does not speak in his usual style;
Before he says anything, it is already manifested.
If you go chattering glibly,
You should be ashamed of yourself.

What is "Baptism with The Holy Spirit"?
According to the dialectic of the Gospel of John,
【Thesis】"A man can possess eternal life through accepting testimony of the Son of man and being baptized by him." (John 5:24)
【Anti-thesis】But "The one who comes from the earth cannot accept the testimony by one from heaven." (John 3:32)
How then can a man possess eternal life?
【Synthesis】"If you want to be baptized with the Holy Spirit, you can just go back to the word which was with God in the beginning (John 1:1) and certify that God is truthful. (John 3:33)"
When he said, "You are Huichao," Zen Master Fayan thrusted vivid Self in Huichao in front of his eyes.
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