एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

रविवार, 17 सितंबर 2023

बोलो श्याम श्याम श्याम


मेरे मन के अंदर श्याम 

मेरे तन के अन्दर श्याम

मेरे रोम रोम में श्याम 

जपता हूं मैं सुबह शाम

बोलो श्याम श्याम श्याम 


बाबा नंद जी के दुलारे 

मैया जसमत के तुम प्यारे

कभी गोकुल गांव के ग्वाले 

वन में धेनु चराने वाले 

बालक रूप धरे भगवान 

बोलो श्याम श्याम श्याम 


कभी माखन हो चुराते 

कभी गोपी को सताते 

कभी बांसुरी हो बजाते 

जमुना तट पर रास रचाते 

ऐसे प्यारे तुम घनश्याम 

बोलो श्याम श्याम श्याम 


तुम हो बांके बहुत बिहारी 

तुम बनवारी,किशन मुरारी 

कभी हो मोर मुकुट के धारी 

सोलह कला के अवतारी 

कैसी सुंदर छवि अविराम 

बोलो श्याम श्याम श्याम 




जय जय कृपासिंधु सब लायक

सुमिरन तुम्हारा सुखदायक

तुम हो महाभारत के नायक 

जय जय गीता ज्ञान के गायक 

जाकर बसे द्वारका धाम 

बोलो श्याम श्याम श्याम


जय जय चक्र सुदर्शन धारी

मन में बसी है छवि तुम्हारी

कितनी सुन्दर कितनी प्यारी

दर्शन दे दो ओ गिरधारी

तुमको कोटि कोटि प्रणाम

बोलो श्याम श्याम श्याम



मदन मोहन बाहेती घोटू

बोलो श्याम श्याम श्याम

मेरे मन के अंदर श्याम 
मेरे तन के अन्दर श्याम
मेरे रोम रोम में श्याम 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

बाबा नंद के दुलारे 
मैया जसमत के प्यारे
कभी गोकुल के ग्वाले 
वन में धेनु चराने वाले 
बालक रूप धरे भगवान 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

कभी माखन चुराते 
कभी गोपी को सताते 
कभी बांसुरी बजाते 
कभी रास रचाते 
ऐसे प्यारे हैं घनश्याम 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

कभी बनवारी गिरधारी 
कभी किशन मुरारी 
कभी मोर मुकुट के धारी 
सोलह कला के अवतारी 
कैसी सुंदर छवि अभिराम 
बोलो श्याम श्याम श्याम 

जय जय चक्र सुदर्शन धारक 
मामा कृष्ण के संहारक 
महाभारत के तुम नायक 
गीता ज्ञान के तुम गायक 
जाकिर बसे द्वारका धाम 
बोलो श्याम श्याम श्याम

मदन मोहन बाहेती घोटू 

बुधवार, 13 सितंबर 2023

 बोल्ड ब्यूटी  तीन चौके 


एक


नजर तिरछी डाल हम पर, हमको बोअर कर दिया 

जो खुला था ,बंद उनने ,दिल का डोअर कर दिया 

टेढ़े मेढ़े दांत दिखला, मुस्कुराए इस तरह,

टेस्ट मुंह का था जो मीठा, वह भी सोअर

 कर दिया 


दो 


था बदन फुटबॉल सा हम देख आउट हो गए 

बोल्ड ब्यूटी देख , बोअर, बिना डाउट हो गए 

 एचकतानी आंख थी और कान ऐसे लटकते ,

भिगोने से चाय में जैसे कि बिस्किट हो गए 


तीन


नाक थी उनकी निराली,नल की टोटी की तरह 

फेस था उनका जड़ाऊ ,जली रोटी की तरह 

चलते थे तो झूलती थी ,हाय उनकी चोटियां ,

सूखती जैसे हवा में ,हो लंगोटी की तरह


मदन मोहन बाहेती घोटू

गुरुवार, 7 सितंबर 2023

विनती परमेश्वर से 

विनती है तुझसे परमेश्वर 
मुझे बुलाए जब अपने घर 
मत देना व्याधि का संकट 
लेना मुझे बुला तू झटपट 
रुग्णालय में रहूं तड़पता,
 ऐसा बुरा नसीब ना देना 
मेरे कारण कभी किसी को,
होने कुछ तकलीफ न देना 

मोहजाल में फंसा हुआ मैं 
जल्दी से अब जाऊं निकलता 
आया था मैं रोता रोता 
लेकिन जाऊं हंसता हंसता 
बना रहे परिवारजनों में 
प्यार भाव पहले ही जैसा 
उन पर विपदा कोई ना आए 
सुख शांति से रहे हमेशा 
हो समृद्ध ,प्रफुल्लित जीवन ,
कभी किसी को टीस न देना 
मेरे कारण कभी किसी को 
होने कुछ तकलीफ न देना 

जीवन भर सत्कर्म किए हैं 
नहीं दुखाया कोई का दिल 
बस इतनी तू कृपा बनाना,
जगह स्वर्ग में जाए मुझे मिल 
मेरी अर्धांगिनी पत्नी ने ,
ख्याल रखा है मेरा हर क्षण 
इसीलिए विनती है जब तक 
वह जिए बन रहे सुहागन 
परेशानियां कोई उसके 
आने कभी करीब न देना 
मेरे कारण कभी किसी को 
होने कुछ तकलीफ न देना 

मन में गिला न शिकवा कोई 
नहीं किसी से रुष्ट रहूं मैं
जिऊं एक संपूर्ण जिंदगी 
और सदा संतुष्ट रहूं मैं
क्षणभंगुर जीवन में जब भी 
आए जुदाई का जब वह पल 
मुंह पर तेरा नाम बसा हो 
हो मुस्कान मेरे चेहरे पर 
कोई दुख को या पीड़ा को 
आने मेरे समीप न देना 
मेरे कारण कभी किसी को 
होने कुछ तकलीफ न देना

मदन मोहन बाहेती घोटू 

गुरुवार, 31 अगस्त 2023

भजन

मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना 
मेरे मुख हो तेरा नाम ,स्वर्ग में ले जाना
 मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना 
 
भक्ति भाव से मैं जीवन में 
डूबा रहा भजन कीर्तन में 
मैंने हर दिन सांझ सवेरे 
गायें हैं भगवन गुण तेरे 
किए दर्शन चारों धाम ,स्वर्ग में ले जाना 
मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना

दुख ना दिया किसी को भगवन 
सत्कर्मों से जिया जीवन 
दीन दुखी की सेवा कर कर 
आशिशों से झोली भरकर 
नहीं किया बुरा कोई काम, स्वर्ग में ले जाना 
मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना

 चौरासी योनी का चक्कर 
 मुझको मुक्त कराना ईश्वर 
 पार बेतरणी करवा देना 
 मुझको मोक्ष दिला तू देना 
 तुझे कोटि-कोटि प्रणाम, स्वर्ग में ले जाना 
 मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना

मदन मोहन बाहेती घोटू 

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-